अभी मैं जिंदा हूं! बिहार में जीवित बुजुर्ग महिला का बना मृत्यु प्रमाण पत्र, सरकारी कार्यालयों के चक्कर काटकर मांग रही जिंदा होने का सबूत
- बिहार के जमुई जिले का है मामला
- जमीनी विवाद से जुड़ा है मामला
- सरकारी लापरवाही आई सामने
डिजिटल डेस्क, भोपाल। क्या आपने कभी किसी व्यक्ति के जीते-जी उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी होते हुए सुना है। अगर नहीं तो एक ऐसा ही अजीबोगरीब मामला हमारे देश में ही सामने आया है। जहां एक वृद्ध महिला के जीते जी उसे सरकारी कागजों पर मृत घोषित कर उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस घटना के सामने आते ही हर किसी के मन में यह सवाल उठा रहा है कि कैसे किसी जीवित व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी हो सकता है। आइए जानते है क्या है पूरा मामला?
बिहार के जमुई जिले का है मामला
इस महिला का नाम लखपति देवी है जो बिहार के जमुई जिले के चकाई प्रखंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली माधोपुर पंचायत की रहने वाली है। लखपति देवी के जीवित होते हुए भी सरकारी लापरवाही के चलते उसका मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है। इस बात से चिंतित वह सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रही है। लखपति देवी ने अपने जिंदा होने के प्रमाण को लेकर कार्यालय में आवेदन भी दिया है।
जमीन विवाद से जुड़ा है पूरा मामला
दरअसल यह पूरा मामला जमीन विवाद को लेकर है। लखपति देवी के पति धनेश्वर यादव ने दो शादियां की थीं। जिसके बाद दोनों पत्नियों से उन्हें दो बेटे हुए थे। उनकी दोनों पत्नियों में से पहली पत्नी की मृ्त्यु हो गई थी जबकि दूसरी पत्नी लखपति देवी है जो अभी जीवित है। लखपति देवी के बेटे लालकिशोर यादव का कहना है कि 'उसके पिता स्व. धनेश्वर यादव के पास कुल 4.25 एकड़ जमीन थी। जिस कारण से पिता की जमीन पर कब्जा करने के लिए सौतेले भाई ने उसकी माता लखपति देवी का मृ्त्यु प्रमाण पत्र जारी करने के काम को अंजाम दिया है। लालकिशोर यादव का कहना है कि इस पूरे मामले में प्रशासन के पदाधिकारियों द्वारा काफी लापरवाही की गई और जांच पड़ताल करे बिना ही उसकी जीवित माता लखपति देवी का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया।'
जमीन के लिए अपनी जीवित मां का मृत्यु प्रमाणपत्र बनवाने के लिए उसके बेटे की सभी आलोचना कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक प्रशासन ने दोषी बेटे पर कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।